Sunday, December 19, 2010

सचिन दुनिया के दुलारे


सचिन दुनिया के दुलारे

सेंचुरियन। क्रिकेट किंवदंती बन चुके रिकॉर्ड पुरूष मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर रिकॉर्डो के अपने ताज में रविवार को यहां एक नया नगीना जोड़ते हुए टेस्ट मैचों में 50 शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए।

सचिन ने अपना 50वां टेस्ट शतक खतरनाक तेज गेंदबाज डेल स्टेन की गेंद पर सिंगल लेकर पूरा किया। इस शतक के लिए उन्होंने 197 गेंदें खेली और 12 शानदार चौके तथा एक छक्का लगाया। इसके साथ ही सचिन ने मौजूदा कैलेंडर वर्ष में अपने 1500 रन पूरे कर लिए। उन्होंने अपना 49वां शतक ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध मोहाली में नौ अक्टूबर 2010 को जड़ा था। तब उन्होंने 214 रन की मैराथन पारी खेली थी। ठीक दो महीने और 10 दिन बाद उन्होंने 50वां शतक जड़कर यह अनूठा कीर्तिमान अपने नाम किया।

दुनिया के इस महानतम बल्लेबाज के करिअर में पहला मौका है जब उन्होंने कैलेंडर वर्ष में 1500 से ज्यादा रन बनाए हैं। इससे पहले एक कैलेंडर वर्ष में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1392 रन था, जो उन्होंने 2002 में बनाया था। साथ ही छठी बार उन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में 1000 से ज्यादा रन पूरे किए हैं। सचिन इससे पहले 1997, 1999, 2001, 2002 और 2008 में 1000 से ज्यादा रन बना चुके हैं। इस वर्ष सचिन का यह सातवां टेस्ट शतक है। उन्होंने सात शतक और पांच अर्धशतक बनाए हैं।

रिकॉर्ड की परवाह नहीं-सचिन
मैं कभी रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचता। मैं अपनी तैयारियों पर ध्यान देता हूं और मैदान पर शत प्रतिशत देने की कोशिश करता हूं। मुझे खेलना अच्छा लगता है। मैं हमेशा सुधार करना चाहता हूं। यदि मैं रिकॉर्ड के पीछे भागता तो फिर कुछ एकदिवसीय मैचों से बाहर नहीं रहता। मैं जब भी मैदान पर कदम रखता हूं तो अच्छी क्रिकेट खेलने में विश्वास रखता हूं। इस तरह की परिस्थितियों में रन बनाने से बहुत खुशी होती है। हम सभी जानते हैं कि पहले दिन विकेट किस तरह का व्यवहार कर रहा था। मैं किसी तरह का बहाना नहीं बनाना चाहता, लेकिन केवल पहले दिन विकेट का मिजाज अलग तरह का था। मुझे लगता है कि पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में 1999 में 136 रन की पारी बहुत मुश्किल परिस्थितियों में बनी थी। विकेट खराब था और गेंदबाजी आक्रमण बेहतरीन था।

उपलब्घि पिता को समर्पित
कल मेरे पिताजी (स्वर्गीय रमेश तेंदुलकर) का जन्मदिन था। मैं यह शतक उन्हें समर्पित करता हूं। जहां तक मेरा सवाल है तो मैं रन बनाकर खुश हूं। मैं वास्तव में नहीं जानता कि मैं अपनी भावनाएं कैसे प्रदर्शित करूं। मैं सकारात्मक विचारों में विश्वास रखता हूं। यदि आप सकारात्मक बने रहते हो तो आप पाओगे कि सकारात्मक चीजें हो रही हैं। यह दिमागी होता है। पिछले दो साल से मैं अच्छा खेल रहा हूं। मैं वास्तव में अपनी बल्लेबाजी का लुत्फ उठा रहा हूं। मेरा मानना है कि अच्छा करना आदत और अच्छी आदत होती है। यदि आपके पास यह अच्छी आदत है तो आप उसे नहीं छोड़ना चाहोगे। यह हमारे लिए बहुत जरूरी था कि हम अच्छा प्रदर्शन करके कड़ा संदेश दें। पहली पारी में विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल नहीं था। हमें सकारात्मक बने रहने की जरूरत थी। मैं किसी तरह के दबाव में नहीं था। आप लोगों ने दबाव बनाने की नींव रखी थी और मैं उसी दबाव के इर्द गिर्द आगे बढ़ा। मैं अपने सभी प्रशंसकों का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इतने वर्षोü में मेरा समर्थन किया। मैं वादा करता हूं कि मैं आगे भी लगातार अच्छा प्रदर्शन करके उन्हें खुश रखूंगा।


दिग्गजों ने बांधे तारीफों के पुल
सचिन तेंदुलकर को इस शानदार उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई। ऎसे खिलाड़ी वर्षोü में एक बार पैदा होते हैं। उन्हें किसी के तारीफ की जरूरत नहीं है।
जहीर अब्बास, पूर्व पाकिस्तानी कप्तान

मैं सचिन का कायल हूं। उन्होंने पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया है। उम्मीद करता हूं कि सचिन अब यह टेस्ट भी बचाएं, तब यह सोने पर सुहागा कहलाएगा।
बिशन सिंह बेदी, पूर्व भारतीय कप्तान

सचिन अद्भुत हैं। उन्होंने बल्लेबाजी में जो रिकॉर्ड बनाए हैं, उनको तोड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। मैं उन्हें इस बेहतरीन उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।
दिलीप वेंगसरकर, पूर्व भारतीय कप्तान

मेरे पास उनकी तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं। सचिन ने बहुत बड़ा काम किया है। मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई देती हूं। जब उन्होंने 40 शतक लगाए थे, तभी मुझे लगा था कि वे 50 का आंकड़ा बहुत जल्दी पूरा करेंगे और ऎसा ही हुआ। वो अजूबा हैं।
लता मंगेशकर,पाश्र्व गायिका

इस बेहतरीन सफलता के लिए सचिन को बधाई। सचिन ने बहुत बड़ा कारनामा किया है और उनकी इस उपलब्धि पर पूरा देश गौरवांवित महसूस कर रहा है।
दलेर मेंहदी,पाश्र्व गायक

सचिन ने आज जो काम कर दिखाया है उसकी पठकथा 15-20 साल पहले लिखी जा चुकी थी। सचिन खेल का पूरा आनंद उठा रहे हैं। सचिन जब भी मैदान में उतरते हैं तो रिकॉर्ड अपने आप बन जाता है। पूरी दुनिया उनकी कायल है।
लालचंद राजपूत,भारतीय टीम के पूर्व प्रशिक्षक

सचिन अपने आप में लाजवाब हैं। उनकी मेहनत और लगन अद्भुत है। वे दूसरे खिलाडियों की अपेक्षा दोगुनी मेहनत करते हैं। इसी का परिणाम है कि सचिन आज दूसरों से मीलों आगे खड़े हैं।
विनोद कांबली,सचिन के बालसखा

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